हेलो दोस्तो क्या आप जानते है की जीरो का आविष्कार किसने किया? जीरो का इस्तेमाल कई जगह किया जाता है। जीरो को शुन्य भी कहा जाता है। शून्य का इस्तेमाल आज से नही बल्कि प्राचीन समय से ही किया जा रहा है। शून्य कोई शब्द नही सिर्फ एक गणित का अंक है। जो की कुछ ना होने का बोध कराता है। आज के समय में शून्य के इस्तेमाल के बिना हम किसी भी चीज की गिनती नहीं कर सकते है,क्योंकि शून्य के बिना गिनती करना असंभव होता है।

शून्य को आप इस समय क्या समझते हो,जिस शून्य को अब छोटे से छोटा बच्चा स्कूल जाने के कुछ दिनों में ही जीरो (0) लिखना सीख जाता है, अगर हम पुराने समय की बात करें तो प्राचीन समय में हमारे जो पूर्वज रहे हैं उनको जीरो के बारे में समझना बहुत मुश्किल काम हो जाता था इसलिए आज हम आपकी इस समस्या के समाधान के लिए बता देते हैं कि आखिर जीरो का आविष्कार कब हुआ जीरो का उपयोग कहां कहां किया जाता है आइए जानते हैं…
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आखिर जीरो है क्या?
जीरो यानी शून्य (0), और शून्य के बिना दुनिया के महान गणितज्ञो को सरल से सरल गणना करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था। बिना शून्य के शायद हम ओर आप कोई भी संख्या नही लिख पाते है और ना ही समझ पाते है।
शून्य को कंप्यूटर के बाइनरी (binary) कोड्स में भी इस्तेमाल किया जाता है। प्राचीन समय में बेबीलोनिया अपनी गुफाओ में अलग–अलग निशानियों से अंको को लिखा करते थे। जैसे:–1,10,100,1000,10000 आदि को लिखा करते थे। इस भाषा को सुमेरियंस से लिया गया था।
आखिर किसने किया शून्य का आविष्कार
शून्य के आविष्कार के पहले से ही इसका इस्तेमाल किया जाता था। पांचवी शताब्दी में भारत के एक महान गणितज्ञ आर्यभट ने शून्य की एक अंक के रूप में खोज की थी। लेकिन शून्य को एक बिंदी की तरह लिखा जाता था। फिर सातवी शताब्दी में भ्रमगुप्त ने शून्य के नियम का पूरी तरह आविष्कार किया। इसके अलावा ग्वालियर के चत्रभूज मंदिर की दीवारों पर भी शून्य का इस्तेमाल किया गया था। और उसे देखकर ऐसा लग रहा था की इस उस समय से 200 साल पहले लिखा गया हो।और भारत की सबसे पुरानी गणित की लिपि भक्षाली हस्तलिपि में भी शून्य का उपयोग किया गया था। उस समय शून्य को एक बिंदी की तरह इस्तेमाल किया जाता था। फिर शून्य भारत से चीन में पहुंचा फिर वहा भी उसका इस्तेमाल होने लगा और फिर चीन से शून्य मध्य पूर्व में पहुंच गया। मध्य पूर्व के महान गणितज्ञ एल्को हरिजमी ने शून्य में बिंदी को हटाकर उसे अंडाकार आकृति दी,और इसे अल्जेब्रिक इक्वेशंस में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इसीलिए इसे हिंदू अरेबिक अंक प्रणाली (Hindu-Arabic Number System) कहा जाता है।
कब और कहां हुआ जीरो का आविष्कार
जीरो के आविष्कार होने से पहले सही प्रतीकों को स्नान धारा के रूप में भी इसका उपयोग किया जा रहा था ऐसे में स्पष्ट शब्दों में बिल्कुल भी नहीं कहा जा सकता कि शून्य का आविष्कार कब हुआ। लेकिन 628 ईसवी में भारत के महान गणितज्ञ ब्रह्मगुप्ता ने जीरो का प्रतीकों और सिद्धांतों के साथ में सटीक रूप से उपयोग में लिया था।
आखिर क्या है जीरो का इतिहास
शून्य का आविष्कार होने से पहले भी सुनने का प्रयोग किया जाता था बहुत से प्राचीन मंदिरों में और ग्रंथों में भी इसको देखा गया है शुरू में जीरो एक स्नान धारक था लेकिन बाद में यह गणित का एक अहम हिस्सा बन गया है ऐसा भी माना जाता है कि 0 का कांसेप्ट बहुत पुराना है लेकिन पांचवी शताब्दी में जीरो को पूरी तरह से विकसित कर दिया गया था। गणना अर्थात गणित की प्रणाली को शुरू करने वाले सबसे पहले के लोग सुमेर के निवासी थे जीरो को भारत में सुनने भी कहा जाता है। जीरो एक संस्कृत भाषा का शब्द है। जीरो को 628 ईस्वी में भारत के गणितज्ञ ब्रह्मगुप्ता ने सबसे पहले इस नाम से पुकारा था। उसके बाद में जब आठवीं शताब्दी के दौरान 0 अरब जी की सभ्यता में पहुंचा। वहां इसको जीरो के रूप में जाना गया।अंत में 12 वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में यह यूरोप की गणना के रूप में जाना गया।
जीरो के अन्य नाम
1. पहले के समय में हिंदुओं से लिपियों में खाली स्थान को भरने के लिए शून्यम शब्द का प्रयोग किया जाता था।
2. इसके बाद जीरो जब भारत से अरब पहुंचा वहां पर उसको अरबी भाषा में सिफ्र कहा जाता था। उसके बाद उर्दू भाषा में इसको सिर्फ अभी कहा गया सिफर का मतलब होता है कुछ भी नहीं।
3. 11 वीं शताब्दी के दौरान इब्राहिम बिन मीर इब्र इजरा ने शून्य के लिए अपनी सभी पुस्तकों में गल गल लव्स का प्रयोग किया।
4. मित्र के राजदूत के द्वारा जीरो शब्द के लिए नल्ला शब्द का प्रयोग किया गया।
5 इटली के एक महान गणितज्ञ ने अपनी पुस्तक द बुक ऑफ कैलकुलेशन में सुनने के लिए जेफिरा शब्द का इस्तेमाल किया। बाद में इटली में इसको जफीरो भी कहा गया ।वैनेडियम में इसको जीरो कहा जाने लगा, जो कि आज वर्तमान में जीरो शब्द का अंग्रेजी में अर्थ हिंदी में शून्य कहा जाने लग गया है।
आज हमने इस आर्टिकल के द्वारा आपको जीरो का आविष्कार किसने किया।उसके बारे में पूरी जानकारी लेख के माध्यम से बताई है। उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई सभी जानकारियां पसंद आई होगी। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारियां समझ में आई तो आप हमारे कमेंट बॉक्स में जाकर इनसे जुड़े हुए किसी भी प्रकार के समाधान या सुझाव के लिए कमेंट करके पूछ सकते हैं।